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Course Content

25 Chapter 4 Lessons

1. भक्तामर स्तोत्र की रचना का इतिहास
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1. मंगलाचरण
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1. मै भी आपकी स्तुति करूंगा
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1. मै बुद्धि हीन भी आपकी स्तुति करता हूँ
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Course Requirements


Course Description

भक्तामर स्तोत्र एक अत्यंत पूज्य और प्रभावशाली जैन स्तोत्र है, जिसे आचार्य मानतुंग देव ने रचित किया है। इस कोर्स के माध्यम से, आप इस दिव्य स्तोत्र को समझने, स्मरण करने और श्रद्धापूर्वक उच्चारण करने की कला को सीखेंगे। यह कोर्स आचार्य श्री भरतभूषण जी गुरुदेव के मार्गदर्शन में आयोजित किया जा रहा है, जिनकी गहरी आध्यात्मिक समझ और अनुभव ने लाखों भक्तों को मानसिक और आत्मिक शांति की दिशा में प्रेरित किया है। गुरुदेव के द्वारा दिए गए अद्वितीय मार्गदर्शन से, आप भक्तामर स्तोत्र के उच्चारण और इसके आध्यात्मिक लाभों को गहराई से समझ पाएंगे।

यह कोर्स सभी स्तरों के साधकों के लिए उपयुक्त है, चाहे आप इस स्तोत्र के प्रति नए हों या अनुभव प्राप्त करना चाहते हों। इस कोर्स में हम आपको भक्तामर स्तोत्र के प्रत्येक श्लोक का गहन अर्थ, सही उच्चारण की विधि और आध्यात्मिक लाभों को समझाने के साथ-साथ ध्यान और साधना के व्यावहारिक तरीके भी सिखाएंगे।

कोर्स के प्रमुख आकर्षण:

  • प्रत्येक श्लोक का विस्तृत विवरण: प्रत्येक श्लोक के अर्थ और उसका आध्यात्मिक महत्व समझाना।
  • उच्चारण तकनीक: सही उच्चारण और लय में श्लोक का पाठ सीखें, ताकि स्तोत्र का प्रभावी और शुद्ध रूप से उच्चारण हो सके।
  • आध्यात्मिक लाभभक्तामर स्तोत्र के पाठ के लाभों को समझें, जैसे मानसिक शांति, चिकित्सा और आध्यात्मिक उन्नति।
  • प्रैक्टिकल गाइडेंस: दैनिक जीवन में भक्तामर स्तोत्र का पाठ कैसे करें, ताकि इसका अधिकतम लाभ मिल सके।
  • इंटरएक्टिव सत्र: लाइव प्रश्नोत्तरी और व्यक्तिगत मार्गदर्शन के माध्यम से अपने ज्ञान को और गहरा करें।

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